Lord Vishnu Second incarnation as tortoise : भगवान विष्णु का दूसरा अवतार कुर्मा अवतार
कुर्मा एक संस्कृत शब्द है जिसका मतलब है कछुआ | भगवान श्री हरी विष्णु ने दूसरा अवतार कछुआ के रूप में देवताओं को राक्षसों से बचाने के लिए लिया था |
दुर्वासा ऋषि के श्राप के कारन देवतागण अपना औज और अमरता खो देते है और शक्तिहीन हो जाते है |
राक्षसों से स्वर्ग हरने के पश्चात् देवता , श्री हरी व्हिष्णुजी के शरण में सहायता के लिए गए |
तब श्री हरी भगवान विष्णु ने समुद्र मंथन का उपाय बताया |
समुद्र मंथन के लिए मदरांचल पर्वत को मथानी के रूप में और वासुकी नाग का रस्सी के रूप में काम लिया गया |
चूकी देवतागण शक्तिहीन हो गए थे इसलिए उनसे अकेले समुन्द्र मंथन नहीं हो पा रहा था |
अतः देवताओ ने राक्षसों से समझौता कर समुद्र मंथन कार्य में सहायता ली |
समुद्र मंथन में भगवान विष्णु ने राक्षसों को वासुकि नाग के मुख की ओर तथा देवताओ को पूछ की ओर रखा |
मंथन शुरू होते ही आधार न होने के कारन मदरांचल पर्वत समुद्र में धसने लगा जिसे देख श्री हरी विष्णु ने कुर्मा का रूप धारण कर , मदरांचल पर्वत का आधार बने |
बोलो विष्णु भगवन की जय | कुर्मा अवतार की जय |
कुर्मा अवतार विष्णुजी के दस अवतारों में दूसरा अवतार
जानिए भगवान विष्णु के तृतीय अवतार के बारे में
जानिए भगवान विष्णु के प्रथम अवतार मत्स्य अवतार के बारे में
No comments:
Post a Comment