जाने क्या और कब करना है , लक्ष्मी कृपा के लिए
लक्ष्मीजी की साधना के लिए ऊन का बना रक्तवर्णी या बहुरंगी आसन श्रेष्ठ माना जाता है |
वैसे तो सभी वार उत्तम हैं , लेकिन शुक्र या बृहस्पतिवार को विधिपूर्वक लक्ष्मी पूजा करने से अर्थाभाव नहीं रहता|
कमल का पुष्प लक्ष्मीजी को सर्वाधिक प्रिय है | कमल का पुष्प समृद्धि , श्री , सौभाग्य वृद्धि का प्रतिक मन जाता है | कमल का पुष्प भगवान् विष्णु को भी प्रिय है |
उपासको को चाहिए की लक्ष्मी कृपा प्राप्ति हेतु लाल चन्दन या मूंगे की माला पर लक्ष्मी जी का जाप करें |
माला जाप के समय साधक को पश्चिमाभिमुखी होकर बैठना चाहिए |
पश्चिमाभिमुख होकर भोजन करने से भी अर्थाभाव नहीं रहता |
दिवाली को यह उपाय करें अर्थाभाव दूर करने के लिए : नीचे दिए मंत्र को दीपावली की रात्रि में १००८ बार जप करके , सर्वप्रथम मंत्र को सिद्ध करले | फिर मंत्र से १००८ बार घृत की आहुति देनी चाहिए | ऐसा करने से दरिद्रता दूर होती है
लक्ष्मी मंत्र स्तुति :
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्रियै नमो भगवति मम समृद्धौ ज्वल ज्वल मां सर्वसम्पदं देहि देहि ममलक्ष्मीं नाशय नाशय हूं फट स्वाहा
राशिनुसार लक्ष्मी मंत्र
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