Sunday, October 29, 2017

श्री नर्मदा जी की आरती || Shri Narmada Ji Ki Aarti

जय जगदानन्‍दी, मैया जय जगदानन्‍दी।
जय जगदानन्दी, मैया जय जगदानन्‍दी।
ब्रह्मा हरिहर शंकर, रेवा शिव हर‍ि शंकर
रुद्री पालन्ती।
ॐ जय जगदानन्दी।।

नारद शारद तुम वरदायक, अभिनव पद चण्डी।
हो मैया अभिनव पद चण्डी।
सुर नर मुनि जन सेवत, सुर नर मुनि जन सेवत।
शारद पद वन्‍दी।
ॐ जय जगदानन्दी।।

धूम्रक वाहन राजत, वीणा वादन्‍ती।
हो मैया वीणा वादन्‍ती।
झुमकत-झनकत-झनननझुमकत-झनकत-झननन
रमती राजन्ती।
ॐ जय जगदानन्दी।।

बाजत ताल मृदंगा, सुर मण्डल रमती। 
हो मैया सुर मण्डल रमती।
तुडितान- तुडितान- तुडितान, तुरडड तुरडड तुरडड
रमती सुरवन्ती।
ॐ जय जगदानन्दी।।

सकल भुवन पर आप विराजत, निशदिन आनन्दी।
हो मैया निशदिन आनन्दी।
गावत गंगा शंकर, सेवत रेवा शंकर
तुम भव भय हंती।
ॐ जय जगदानन्दी।। 

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
हो मैया अगर कपूर बाती।
अमरकंटक में राजत, घाट घाट में राजत
कोटि रतन ज्योति।
ॐ जय जगदानन्दी।। 

मैयाजी की आरती निशदिन जो गावे,
हो रेवा जुग-जुग जो गावे
भजत शिवानन्द स्वामी
जपत हर‍िहर स्वामी
मनवांछित पावे।

ॐ जय जगदानन्दी।।

Wednesday, October 18, 2017

Diwali Wishes Wallpaper and Quotes

Diwali Wishes Wallpaper and Quotes

Happy Diwali Qoutes
1 ) With gleam of Diya’s And the Echo of the Chants May Happiness and Contentment Fill Your life. Wishing you a very Happy and Prosperous Diwali

2) A warm Diwali wish for every happiness. May the warmth and splendor, that are a part of this auspicious occasion, fill your life with happiness and bright cheer, and bring to you joy and prosperity, for the whole year.


3) Light a lamp of love!
Blast a chain of sorrow!
Shoot a rocket of prosperity!
Fire a flowerpot of happiness!
Wish u and your family
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4) इस दिवाली जलाना हज़ारो दिये
खूब करना उजाला ख़ुशी के लिये
एक कोने में एक दिया जलाना जरूर
जो जले उम्र भर हमारी दोस्ती के लिये
Happy Diwali

5) सुख आये शांति आये आपके जीवन में,
समृधि आये खुशियां आये आपके जीवन में,
रहो आप हर परेशानी से दूर
और इस दीवाली लक्ष्मी आये आपके जीवन में..
!! शुभ दीवाली !!

6) May this festival of light dispel darkness, ignorance and evil from your life. Happy Diwali 

7) May your diwali be rangoli of lights brightening up your home with happiness and prosperity!

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8) रोशन हो दीपक और सारा जग जगमगाये
लिए साथ सीता मैय्या को राम जी हैं आये
हर शहर यु लगे मनो अयोध्या हो
आओ हर द्वार हर गली हर मोड़ पे हम दीप जलाये

9) I Pray to God to
Give U Shanti, Shakti, Sampati,
Swarup, Saiyam, Saadgi, Safalta,
Samridhi, Sanskar, Swaasth,
Sanmaan, Saraswati, aur SNEH

10) Khushiyan ho overflow,
Masti kabhi na ho low,
Dosti ka surur chaya rahe,
Dhan aur shorat ki ho bauchar,
Aisa aaye apke liye Diwali ka tyohar

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Monday, October 16, 2017

Lord Ayyappa Wallpaper

AYYAPPA, THE SON OF VISHNU & SHIVA
Lord Ayyappan or simply Ayyappa (also spelled as Ayappa) is a popular Hindu deity worshiped mainly in Kerala South India . Ayyaappa is believed to be born out of the union between Lord Shiva and the mythical enchantress Mohini, who is regarded as an avatar of Lord Vishnu. Therefore, Ayyappa is also known as 'Hariharan Puthiran' or 'Hariharputhra,' which literally means the son of both 'Hari' or Vishnu and 'Haran' or Shiva.


Lord_ayyappa_wallpaper
Beautiful wallpaper  of Lord Ayyappa

Sabarimala in Kerala is the most famous Ayyappa shrine visited by over 50 million devotees it every year, making it one of the most popular pilgrimages in the world.
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Wallpaper of Lord Ayyappa, Lord Ganesh and Lord Murugan



Pilgrims from around the country brave the dense forests, steep hills and inclement weather to seek the blessings of Ayyappa on the 14h day of January, known as Makar Sankranti or Pongal, when the Lord himself is said to descend in the form of light. The devotees then accept 'prasada' or the Lord's food offerings and descend the 18 steps walking backwards with their faces turned towards the Lord.

Lord_ayyappa_wallpaper_in_yogi_pose



Saturday, October 7, 2017

श्री नर्मदा चालीसा || Shri Narmada Chalisa

॥ दोहा ॥
देवि पूजित, नर्मदा, महिमा बड़ी अपार।
चालीसा वर्णन करत, कवि अरु भक्त उदार॥
इनकी सेवा से सदा, मिटते पाप महान।
तट पर कर जप दान नर, पाते हैं नित ज्ञान ॥

॥ चौपाई ॥
जय-जय-जय नर्मदा भवानी,
तुम्हरी महिमा सब जग जानी।
अमरकण्ठ से निकली माता,
सर्व सिद्धि नव निधि की दाता।
कन्या रूप सकल गुण खानी,
जब प्रकटीं नर्मदा भवानी।
सप्तमी सूर्य मकर रविवारा,
अश्वनि माघ मास अवतारा।
वाहन मकर आपको साजैं,
कमल पुष्प पर आप विराजैं।
ब्रह्मा हरि हर तुमको ध्यावैं,
तब ही मनवांछित फल पावैं।
दर्शन करत पाप कटि जाते,
कोटि भक्त गण नित्य नहाते।
जो नर तुमको नित ही ध्यावै,
वह नर रुद्र लोक को जावैं।
मगरमच्‍छ तुम में सुख पावैं,
अंतिम समय परमपद पावैं।
मस्तक मुकुट सदा ही साजैं,
पांव पैंजनी नित ही राजैं।
कल-कल ध्वनि करती हो माता,
पाप ताप हरती हो माता।
पूरब से पश्चिम की ओरा,
बहतीं माता नाचत मोरा।
शौनक ऋषि तुम्हरौ गुण गावैं,
सूत आदि तुम्हरौं यश गावैं।
शिव गणेश भी तेरे गुण गावैं,
सकल देव गण तुमको ध्यावैं।
कोटि तीर्थ नर्मदा किनारे,
ये सब कहलाते दु:ख हारे।
मनोकमना पूरण करती,
सर्व दु:ख माँ नित ही हरतीं।
कनखल में गंगा की महिमा,
कुरुक्षेत्र में सरस्वती महिमा।
पर नर्मदा ग्राम जंगल में,
नित रहती माता मंगल में।
एक बार कर के स्नाना ,
तरत पिढ़ी है नर नारा।
मेकल कन्या तुम ही रेवा,
तुम्हरी भजन करें नित देवा।
जटा शंकरी नाम तुम्हारा,
तुमने कोटि जनों को तारा।
समोद्भवा नर्मदा तुम हो,
पाप मोचनी रेवा तुम हो।
तुम्हरी महिमा कहि नहिं जाई,
करत न बनती मातु बड़ाई।
जल प्रताप तुममें अति माता,
जो रमणीय तथा सुख दाता।
चाल सर्पिणी सम है तुम्हारी,
महिमा अति अपार है तुम्हारी।
तुम में पड़ी अस्थि भी भारी,
छुवत पाषाण होत वर वारि।
यमुना मे जो मनुज नहाता,
सात दिनों में वह फल पाता।
सरस्वती तीन दीनों में देती,
गंगा तुरत बाद हीं देती।
पर रेवा का दर्शन करके
मानव फल पाता मन भर के।
तुम्हरी महिमा है अति भारी,
जिसको गाते हैं नर-नारी।
जो नर तुम में नित्य नहाता,
रुद्र लोक मे पूजा जाता।
जड़ी बूटियां तट पर राजें,
मोहक दृश्य सदा हीं साजें|
वायु सुगंधित चलती तीरा,
जो हरती नर तन की पीरा।
घाट-घाट की महिमा भारी,
कवि भी गा नहिं सकते सारी।
नहिं जानूँ मैं तुम्हरी पूजा,
और सहारा नहीं मम दूजा।
हो प्रसन्न ऊपर मम माता,
तुम ही मातु मोक्ष की दाता।
जो मानव यह नित है पढ़ता,
उसका मान सदा ही बढ़ता।
जो शत बार इसे है गाता,
वह विद्या धन दौलत पाता।
अगणित बार पढ़ै जो कोई,
पूरण मनोकामना होई।
सबके उर में बसत नर्मदा,
यहां वहां सर्वत्र नर्मदा ।

॥ दोहा ॥
भक्ति भाव उर आनि के, जो करता है जाप।
माता जी की कृपा से, दूर होत संताप॥